पंजाबीयों की शान वखरी, भक्तो की शान वखरी ।
कोई माई दर जाए, कोई साई घर जाए, कोई जाए गुरां दे द्वारे
पंजाबीयों की शान वखरी...
किधरे मंदिरां विच्च आरती, गुरुद्वारे गुरुबानी
किधर भगत पाए गांदे ने साई दी अमर कहानी
सारे हुंदे ने मगन, सब ने इक्को ही लगन
साडी बेड़ी लगे किनारे, जय हो...
पंजाबीयों की शान वखरी...
सब दे अपने अपने रस्ते, अपनी अपनी पूजा
पर सभना दा भाईचारा तोड़ सके ना दूजा
माँ है सब की ही माँ, इसके चरणों में जहां
माँ ने लगदे लाल प्यारे, जय हो...
पंजाबीयों की शान वखरी...
माँ के भक्तो भरो झोलिया, माँ के खेल न्यारे
साई सतगुरु राम कृष्ण शिव दिसदे माँ विच सारे
एहदे दर जो आये, खली ना ओह जाए,
एहदे भरे रेहन भंडारे, जय हो...
पंजाबीयों की शान वखरी...
यह जगदम्बे मात वैष्णो सारे जग की रानी
एहदे जेहा कोई होर न ‘चंचल’ एह है जग कल्याणी
आओ नाचिये गाईये सारे भंगड़े पाइये
लाईये माँ दे जैकारे, जय हो...
पंजाबीयों की शान वखरी...