ये पटका केसरियां रंगवाया नाम है राम का लिखवाया,
सुनहरी गोटा है लगवा के लंगोटा बाबा का मैं लाया,
मैंने बाला जी के रंग में तन मन अपना रंग डाला,
आज मने न रोको टोको हुआ रे मैं दीवाना लोगो आज मैं बाला जी चालेया,
प्यासी प्यासी इन अखिया से दर्शन रज के कर लू,
जिन चरना में सुख है सारा उन चरना से लग लू,
जब जब भीड़ पड़ी मेरे पे बाबा ने थामेया,
आज मने न रोको टोको हुआ रे मैं दीवाना लोगो आज मैं बाला जी चालेया,
हर महीने मने बुलावे बाला जी का कर्म है,
मेरे सिर पे हाथ है उसका अब न कोई गम है,
सारी दुनिया में मने सच्चा बाला जी लगेया,
आज मने न रोको टोको हुआ रे मैं दीवाना लोगो आज मैं बाला जी चालेया,
राजू करता रहे गुलामी जब तक सास रहेगी ,
प्रेम रहेगा दिल पे मुँह पे उसकी बात रहेगी,
राज मेहर तो हुआ वनवरा झूम के नाचा,
आज मने न रोको टोको हुआ रे मैं दीवाना लोगो आज मैं बाला जी चालेया,