हे अंजनी मैया बजरंग बड़ा बांका,
सीता की लंका से खबरियां लाया,
लंका जलाई रावण सूत सब मारा,
सीता की लंका से खबरियां लाया,
राम दूत बन के वीर हनुमानता,
सागर को पार किये पोंछ गए लंका,
जाके भिभीषन से पर्चिये बनाया
माता सीता का दर्शन पाया,
फल खाने के बहाने सारी वाटिका उजाड़ी,
बड़े बड़े दानवो को मार गिराया,
हे अंजनी मैया
रावण सूत अक्षय को यम पुर पठाये,
मेधनाथ को शक्ति अपनी दिखाए,
मेघनाथ हार कर भरम शक्ति डाला,
भरम शक्ति के आगे शीश झुकाये,
रावण की दरबार में लगी आग पोहंचे
जलती अभिने से नगर जलाया,
हे अंजनी मैया
माता सिया से चूड़ा मणि लेके सागर को लांगे पवन पूत उड़ के,
राम चरण छू के प्रभु विह्वल होते,
सीता की व्यथा अंजनी लाला कहते,
खबर सीता की सुन के धन्य हनुमत कह के,
राम जी ने बार बार हिरदये से लगाया,
हे अंजनी मैया
राम जी ने हनुमत का मान बढ़ाया
कोई नहीं हनुमत सा जग को बताया.
सारे जगत का पालन जो करते उन्हें सिया राम जी का ताज बनाया,
भगतो हनुमान बन के सिया राम नाम जपके,
भगतो को भगति का मगर दिखाया,
हे अंजनी मैया