पिय बिन सूनो छे जी म्हारो देश
एसो है कोई पिय से मिलावै
तन मन करुं सब पेश
तेरे कारण बनबन डोलुं
करके जोगण वेश
पिय बिन सूनो छे जी म्हारो देश
अवधि बीती अजहुं न आये
पंडर को गया केस
मीरां के प्रभु कब रे मिलोगे
तज दियो नगर न रेस
पिय बिन सूनो छे जी म्हारो देश