शबरी निहारे रास्ता आएंगे राम जी
मेरा भी धन्य जीवन बनायेगे राम जी
आँखों से रोज अपने राहे बुहारती,
काटे लगे कोई न दो पल है राम जी,
शबरी निहारे रास्ता आएंगे राम जी
कलियाँ में वेर भागो से चुन चुन के ला रही,
खट्टे हो चाहे मीठे आयेगे राम जी,
शबरी निहारे रास्ता आएंगे राम जी
आये जब श्री राम जी चरणों में गिर पड़ी,
अश्को से रो रही है पाओ गे पाँव जी ,
शबरी निहारे रास्ता आएंगे राम जी
सुंदर बिछा के आसन बिठाया राम को,
दिए जूठे वेर राम को फिर खाए है राम जी
शबरी निहारे रास्ता आएंगे राम जी