पकड़ लो हाथ बनवारी, नहीं तो डूब जाएंगे
हमारा कुछ न बिगड़ेगा, तुम्हारी लाज जायेगी
तुम्हारे ही भरोसे पर जमाना छोड़ बैठे हैं
ज़माने की तरफ देखो, हमे कैसे निभाओगे
पकड़ लो हाथ बनवारी...
पड़ी मझधार में नैया, खिवैया कोई नहीं मेरा
खिवैया आप बन जाओ, नहीं तो डूब जाएंगे
पकड़ लो हाथ बनवारी...
लदी है पाप की गठरी, वजन पापों का भारी है
यह गठरी आप संभालो तो बेडा पर हो जाए
पकड़ लो हाथ बनवारी...
लड़कपन की मोहब्बत है हमारी छूट जाएगी
लगी ना नग जड़ी चूड़ी जो इक दिन टूट जायगी
पकड़ लो हाथ बनवारी...