मेरा रिश्ता श्याम से है के मुझसे ग़म डरे रहते,
जरूरत न पड़े मुझको कभी दर दर भटकने की,
श्याम दर की भिखारिन हूँ मेरे पल्ले भरे रहते,
मेरा रिश्ता श्याम से है के मुझसे ग़म डरे रहते
मेरा तो श्याम से नाता ये दुनिया वाले क्या जाने,
जो दुनिया से है बेगाने वो इस दर पे पड़े रहते,
मेरा रिश्ता श्याम से है के मुझसे ग़म डरे रहते,
दुआए मिल करो भक्तो गिन्नी से श्याम रूठे न,
के जिस से श्याम रूस जाये वो जीते जी मरे रहते,
मेरा रिश्ता श्याम से है के मुझसे ग़म डरे रहते