म्हारी पागड़ी री लाज बचाल्यो म्हारा सांवरिया
या तो दाव पे लागि जी,
म्हारी पागड़ी री लाज बचाल्यो म्हारा सांवरिया
जयदा की थी नहीं कामना थोड़ा मा तो राजी,
ईमान की रोटी खाई फिर भी पलटी बाजी,
ईब तो नैया है मजधार अब है था पर दारमदार,
नैया पार लगा दियो जी
दिन खोटा जद आवे सारो जग वैरी हो जावे,
थे भी जो ना करो सुनाई भगत कठी ने जावे,
करनी पड़सी मा पे मेहर बाबा करियो मत ना देर,
थारी किरपा दिखा दियो जी
इक दिन बोहनी करने बाबा ग्राहक बन के आया,
बीबा व्यपारी का दिन सावन ववाल करके आया
होगया ओह बारहा पचीस कवे रवि झुकावे शीश,
थारी लगन लगा लो जी