गोकुल में ढूंढें राधा,
मथुरा में ढूंढें श्याम,
गली गली ये सबसे पूछे,
कहाँ मिलेगा श्याम,
होश नहीं है चैन नहीं है,
पागल हो गए सारे ग्वाल।
कोई वृन्दावन में जाए,
कोई जमना तट पर जाए,
कोई बरसाना में जाए,
कहीं पर ना भेद पाए,
ढूंढ ढूंढ कर सबका,
हो गया बुरा हाल,
होश नहीं है चैन नहीं है,
पागल हो गए सारे ग्वाल।
राधा गुजरियों से पूछे,
गुजरियाँ बागों में ढूंढें,
बागों में झूले सूने,
एक राधा रानी पूछे,
श्याम बिना एक पल भी,
जीना हो गया मुहाल,
होश नहीं है चैन नहीं है,
पागल हो गए सारे ग्वाल।
कोई नन्द गाँव में जाए,
सब लोगों को बतलाए,
वहां सबसे पूछ आये,
फिर भी ना भेद पाए,
गजब हो गया सब मिल बोले,
कहाँ गए गोपाल,
होश नहीं है चैन नहीं है,
पागल हो गए सारे ग्वाल।
कोई सन्देश लाया,
मास्क लगाकर आया,
जसोदा माँ ने रखा,
वा कृष्ण कन्हैया,
सब मिल दौड़े जाए,
देखो नन्द बाबा के द्वार,
होश आ गया, ख़ुशी छा गई,
ठीक हो गए सारे ग्वाल।
गोकुल में ढूंढें राधा,
मथुरा में ढूंढें श्याम,
गली गली ये सबसे पूछे,
कहाँ मिलेगा श्याम,
होश नहीं है चैन नहीं है,
पागल हो गए सारे ग्वाल।