खोलो खोलो खोलो अब तो करुणा के द्वार मेरी माँ,
बड़ी आस लेके आये तेरे दरबार माँ तेरे दरबार माँ,
खोलो खोलो खोलो अब तो करुणा के द्वार मेरी माँ,
हमे तरसाओगी बताओ कब तक माँ,
तेरे ही खजानो पे है हमारा भी तो हक माँ,
कमी क्या है तुझे तेरे भरे भण्डार माँ,
खोलो खोलो खोलो अब तो करुणा के द्वार मेरी माँ,
युगो से है भगतो को आये हो माँ तारने रोते को हसाती आई रे,
गिरे को संभालती,
तेरे ही तो आसरे है सारा संसार माँ,
खोलो खोलो खोलो अब तो करुणा के द्वार मेरी माँ,
थोड़ा बहुत हमको भी तुझसे जो मिलेगा,
रेहमतो की कोष्टा को तो कोना भी न होलेगा,
अब न करो और इन्तजार माँ,
खोलो खोलो खोलो अब तो करुणा के द्वार मेरी माँ,