भजा दे ढोलक तू ढोलकियाँ छमा छम नाचे लांगुरिया,
जगराते की रात है आई सब के मन में खुशिया छाई,
तेरे दया से महरानी आज सजा दरबार,
भजा दे ढोलक तू ढोलकियाँ छमा छम नाचे लांगुरिया,
रूप सलोना धार के बैठी लागि सूंदर प्यारी,
लंगर भरो कर अज्ञानी हो रही जय जय कार,
भजा दे ढोलक तू ढोलकियाँ छमा छम नाचे लांगुरिया,
इसकी दया से सृष्टि चलती बिन मांगे ही झोली भर्ती,
देवी देव भी झुकते सारे माने है संसार,
भजा दे ढोलक तू ढोलकियाँ छमा छम नाचे लांगुरिया,