लागि रे साईं, लगन तेरे नाम की,
लागी थी लगन जैसे, मीरा जी को श्याम की,
ऐसी लगन लगी रे भगतां, होश रही न बाकी,
बन गई साईं तेरे नाम पे, आलू की मैं साकी,
रहती तलब है अब, ~मस्ती के जाम की,
(ओ वारे जाऊं रे, बलिहारे जाऊं रे)
राम रहीम तुम्हीं हो बाबा, तुम हो कृष्ण मुरारी,
तुम हो ब्रह्मा तुम हो विष्णु, तुम हो शिव त्रिपरारी,
तुम बिन मेरे साईं जी, दुनिया किस काम की...
महिमा लिखे संदीप छोटी सुल्ताना गावे,
जो तेरे दर आये बाबा झोली भर ले जावे,
करूँ क्या सिफ़्त तेरे, शिर्डी के धाम की....
Pandit Dev शर्मा
7589218797