भक्ता नु पुछ के पुजारियां नु पुछ के,
दिल दी मैया नु गल कह आई आं,
लै आई आं दरबार तो बचड़ा लै आई आं,
भक्ता नु पुछ के पुजारियां नु पुछ के......
माँ ने भरी मेरी झोली खाली,
आखो नी मैनु कर्मावाली,
ना पैसा ना धेला लगेया,
ना पैसा ना धेला लगेया,
ईक फुला दे हार तो बचड़ा लै आई आं,
लै आई आं दरबार तो बचड़ा लै आई आं,
मैं लै आई आं दरबार तो बचड़ा लै आई आं,
भक्ता नु पुछ के पुजारियां नु पुछ के.....
सुन लो नी मेरी पल पल दिल दी,
सईयों नी पुत मूल नी मिलदे,
जो नेमत मै लैण गई सां,
जो नेमत मै लैण गई सां,
माँ दे भरे भण्डार तो बचड़ा लै आई आं,
मैं लै आई आं दरबार तो बचड़ा लै आई आं,
भक्ता नु पुछ के पुजारियां नु पुछ के.....
सौ सौ हथी माता देवे,
पुतरा वरगे मिठ्ठङे मेवे,
मै वारी मै सदके जांवा,
मै वारी मै सदके जांवा,
उस सच्ची सरकार तों बचड़ा लै आई आं,
मैं लै आई आं दरबार तो बचड़ा लै आई आं,
भक्ता नु पुछ के पुजारियां नु पुछ के......
सुख मिलेया रीझ ना कोई,
पुतरा वरगी चीज ना कोई,
बार बार दिल कहे निमाणा,
बार बार दिल कहे निमाणा,
दाती अपरम्पार तो बचड़ा लै आई आं,
मैं लै आई आं दरबार तो बचड़ा लै आई आं,
भक्ता नु पुछ के पुजारियां नु पुछ के.....