तेरी दुनिया में ये कैसा तमाशा

तेरी दुनिया में ये कैसा तमाशा हो रहा है माँ,
कोई हँसता है खुशियों में तो कोई रो रहा है माँ

क्यों फूलों संग लगे कांटे कोई चुभते कोई चुनते,
कोई किस्मत का मारा है जो जीवन किहौ रहा है माँ,

लाज कैसे बचें माँ बेटियों बहनों की अब जग में,
धरो फिर रूप काली का विधाता सो रहा है माँ,

तुम्ही हो आसरा हर एक कि उम्मीद तुम ही हो,
बुराई का यहाँ पर बीज कोई बो रहा है माँ,

करो संहार फिर असुरों का जो दिल में पनपते हैं,
तेरी भक्ति का कोई बोझ दिल में ढो रहा है माँ,

नहीं दरकार धन ‘वैभव’ की अब अवतार दिखलाओ,
रूहानी दौर के सपने कई संजो रहा है माँ,

लेखक- वैभव श्रीवास्तव, बहराइच, उत्तर प्रदेश

download bhajan lyrics (826 downloads)