तेरे दर्शन को मैया तेरे दवार पे आये है….
जो तूने दिया मुझको तेरा खजाना है,
इक मैं ही नहीं मंगता मंगता ये ज़माना है,
तेरे दर के भिखारी माँ,तेरी आस लगाये है,
तेरे दर्शन को मैया तेरे दवार पे आये है………
हर लब पे है नाम तेरा तेरी बात निराली है,
हर काम बने उसका जो तेरा सवाली है,
तेरे दर शाहो ने सिर अपने झुकाये है,
तेरे दर्शन को मैया तेरे दवार पे आये है……
मेरा सिर है तेरा आगे मेरे सिर पे हाथ धरो,
मेरा हाथ पकड़ के माँ भव सागर पार करो,
इस दास और बंसी ने गुण तेरे गाये है,
तेरे दर्शन को मैया तेरे दवार पे आये है……..