नीले घोड़े रा असवार करा थारी मनवार बाबा महारे घर आओ जी,
कान ने थारे कुण्डल सोहे गल बैजंती माला,
सिर पे थारे मुकट विराजे नैन लगे मत वाला,
शोभा वर्णी ना जाये देख्या मन हरशाये,
बाबा माहरे घर आओ जी.....
दीनो के नाथ काहो पांडव कुल अवतारी,
महिमा थारी वर्णी न जावे पूजे दुनिया सारी,
मैं भी धरा थारो ध्यान गावा था ही गुण गान,
बाबा माहरे घर आओ जी.....
आंधा ने अंखिया देवो कण्डलिया ने पाओ,
कोड़ी आँखों कोड मिटाओ जाने शकल जहां,
अर्जी करे रमेश कांटो कष्ट कलेश,
बाबा माहरे घर आओ जी.....