आँखों को इन्तजार है सरकार आप का,
ना जाने होगा कब हमे दीदार आप का,
आँखों को इन्तजार है सरकार आप का
आया हु तेरे द्वार पे मुझको सम्भालिये,
दर्शन की आस मन में है खाली न टालिये,
गबरा के दम न तोड़ दे बिमारी आप का,
आँखों को इन्तजार है सरकार आप का
जी चाहता है आप को इक बारी देख ले,
डाली से फूल टूट के श्याद न फिर खिले ,
इक रोज छोड़ जायेगे संसार आप का,
आँखों को इन्तजार है सरकार आप का
सजदा कबुल हो न दर पे पड़ा रहु,
मैं दोनों हाथ जोड़ के सन्मुख खड़ा रहु,
जाऊ कहा मैं छोड़ कर अब द्वार आप का,
आँखों को इन्तजार है सरकार आप का
दौलत हमारी स्वासो कि विशियो ने लूट ली,
लगता है आप ने भी आंखे फेर ली,
आँखे है फेर ली आये शर्म को माफ़ करना,
स्वाभ आप का,
आँखों को इन्तजार है सरकार आप का