जय कारा जय कारा माँ गूंजे भवन में
बरमा बोले विष्णु बोले बोल रहे है शंकर भोले
जय कारा जय कारा माँ गूंजे भवन में
धरती अम्बर चाँद सिराते माँ की रेहमत के है नजारे
बोल रहे है सब जयकारे तुम भी बोलो मिल कर सारे
जय कारा जय कारा माँ गूंजे भवन में
सब बोलते सब है गाते नवराते जब माँ के है आते,
माँ के बच्चे ख़ुशी मनाते आते जाते ये दोहराते
जय कारा जय कारा माँ गूंजे भवन में
राजा अकबर ने अजमाया ध्यानु भगत जयकारा लगाया
घोड़े का तब शीश मिलाया सब संगत ने मिल कर गाया
जय कारा जय कारा माँ गूंजे भवन में
जय कारा माँ शेरोवाली का सब को सहारा मेहरो वाली का
सोनू भोला की माँ रखवाली आंबे दुर्गा शक्ति शाली
जय कारा जय कारा माँ गूंजे भवन में