जग रूठे तो रूठे

जग रूठे तो रूठे रे मैहर वाली न रूठे,
शारदा भवानी मैहर वाली न रूठे,
जग रूठे तो रूठे रे मैहर वाली न रूठे,

चलो चलो चलिये दरस मां का करलें,
कंचन नीर से लोटा भर लें,
भक्ति की डोर न टूटे रे मैहर वाली न रूठे,

भोर भई दिन निकसन लागो,
बोल रही चिरैया उठो रे भाई जागो,
गैया रम्हा रही खूंटे रे मैहर वाली न रूठे,

ऊंचे पहाड़ो वाली है मेरी मैया,
डूबत पार लगादे नैया ,
दुखिया तुम्हारो जस लूटे रे मैहर वाली न रूठे,

विंदु चरण मां के फुलवा चढ़ालो,
जीवन अपना सफल बना लो,
लागी लगन नहीं छूटे रे मैहर वाली न रूठे,

द्वारा : योगेश तिवारी
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