कभी शिव बन के वो हम को भोले के दर्शन है कराये,
कभी बन के गुरु वो हम को गुरुबाणी और शब्द सिखाये,
कभी बन के फ़कीर वो हम को अल्ल्हा की बाते बताये,
होली खेलन आये जैसे कृष्ण कन्हियाँ,
मेरा साई है रंग रसिया मेरा साई है मन वसिया,
तू ही मेरी चाहत है और तू ही मेरा प्यार है,
तेरी ही रेहमत से साई मेरा बेडा पार है,
मेरी इस कश्ती का साई तू ही खवाइयाँ,
मेरा साई है रंग रसिया मेरा साई है मन वसिया,
मन के मंदिर में तो साई तेरी ही बस मूरत है,
तू अल्लाह का नेक फरिश्ता और भगवान की सूरत है,
कोई पिता कहता है तुझको कोई कहे मियां,
मेरा साई है रंग रसिया मेरा साई है मन वसिया,
जिसको दुनिया ने ठुकराया तूने दिया सहारा है,
नैया जिसकी डूभ रही थी तूने दिया किनारा है,
प्यार सभी से करता है शिरडी का सइयां,
मेरा साई है रंग रसिया मेरा साई है मन वसिया,