हम दीवानों को फ़िक्र क्या शिर्डी वाला साथ है,
लाज अपनी अगर गई तो साईं जी को लाज है,
विष को अमृत में बदल दे ऐसा जादू गर कहा,
बेजामा का साईं प्यारा अपना तो सरताज है,
लाज अपनी अगर गई तो साईं जी को लाज है,
हम दीवानों को फ़िक्र क्या शिर्डी वाला साथ है,
चाहे कुछ करले जमाना हम साईं के हो गए,
साईं ही अंजाम अपना साईं ही अगाज है,
लाज अपनी अगर गई तो साईं जी को लाज है,
हम दीवानों को फ़िक्र क्या शिर्डी वाला साथ है,
सोंप कर जीवन प्रभु को हम तो बेपरवाह हुए,
अपने भगतो के सवारे साईं जी सब काज है,
लाज अपनी अगर गई तो साईं जी को लाज है,
हम दीवानों को फ़िक्र क्या शिर्डी वाला साथ है,