बालापन का याराना तेरा ओर कृष्ण मुरारी का।
उसके डोरे चला जा वो, फर्ज निभा दे यारी का॥
कैई -2 दिन तक टूक मिले ना, कसर रही ना टोटे में
क्या भूखा ही मरना लिखा है भाग हमारे खोटे में॥
यारे प्यारे सभी सहारे,जाके टूट पिसोटे में,
रहना और नही बसकी अब तेरे या दुख मोठे में॥
तेरे लेके मरु या जीऊं, ख्याल नही तने नारी का -उसके डोरे ....
ओर ने दीपक करे चादना, अपने करे अंधेरा सै
तेरा यार द्वारका बाला तनै नही कुछ बेरा सै॥
उसके पास चला जा साजन कहा मान ले मेरा सै
तेरा उसका प्रेम घना वो दुख मेटेगा तेरा सै॥
करना चाहिए तनै भरोसा, अपने उस गिरधारी का-उसके डोरे ....
गुरुकुल में तुम साथ पड़े ओर बचपन साथ गबाया था
शिक्षा पूरी करी तने जब टेम विदा का आया था॥
प्रेम में आँसू उमड़ रहा ओर मोह गात में छाया था
कोली भरके कृष्ण जी ने फिर तुमको समझाया था॥
कभी टाइम पे आ जाइये- दउ काट फंद बीमारी का-उसके....
मात पिता ओर सतगुर के घर कभी ना सरमाना चाइये
दुख बिपता में यार के डोरे बेखटके जाना चाहिए॥
धीरज धर्म मित्र नारी को टेम पे अजमाना चाहिए
मेरे कहे ते कृष्ण जी के तने पास जाना चाहिए॥
बैंसलात में गॉव बडौली हरेराम प्रेचारी का-उसके डोरे चला जा वो
फर्ज निभा दे यारी का॥