माँ तेरे ने दीदार दिया लोङा ,
और मैंनू दातीए नही थोड़ा
कर कृपा नादान मान के,क्यों मेरा मन डोलदा
तारो न तारो तुम्हारी है मर्जी ,
तमन्ना तो बस तेरे दीदार की हैं,
तेरी लाडली की विनती सुन लो,
मुझसे पतित अधम को न तारा तो ,
तेरे दर ते मैया दम तोङ दूँगी,
ये तो बता दो माँ अंबे रानी,
मैं कैसें तुम्हारी लगन छोड़ दूँगी
तुम्हारी दया पे ये जीवन है मेरा,
मै कैसें तुम्हारे चरण छोड़ दूँगी
किए हैं गुनाह मैने कितने ए मैया,
कहीं ये जमी आसमां फट न जाए,
जब तक माँ अंबे क्षमा न करोगी,
मैं कैसे तुम्हारे चरण छोड़ दूँगी
#एकता माँ #वैष्णो दी #लाडली