बाबा रे बाबा खाटू वाला देव बड़ा दिल वाला,
माँ का वचन निभाने खातिर शीश दान कर डाला,
खाटू में है मंदिर इनका शोभा अति है प्यारी,
डयोटी पर हनुमान विराजे बाए कुञ्ज बिहारी,
पंज आरती होती दिन में देव ये बड़ा निराला,
माँ का वचन निभाने खातिर शीश दान कर डाला,
फागुन मेला होता सूंदर भीड़ लगे आती भारी,
दर्शन करने की खातिर आते लाखो नर नारी,
हारे को जीत दिलादे तू ही एहलवती के लाला
माँ का वचन निभाने खातिर शीश दान कर डाला,
निर्बल को बल निर्धन को धन दे हारे को सहारा,
बैठा जो खाटू की नगरी हम को जान से प्यारा,
झूम झूम कर महिमा गाये नारायण मत वाला,
माँ का वचन निभाने खातिर शीश दान कर डाला,