मन करे मोरा जाऊ माई के भवन मोरे हो ,
गुना वाली की शरण किये मन को मग्नन कर दू,
माई गुना वाली के भवन मैं बेठी रहू दोनों त्र जोड,
माई संतोषी रानी शरण मैं बेठी रहू दोनों तर जोड़,
हम ने सुना है माई तोरे दर पे मिलते है सुख सारे,
जो भी तुम्हारी शरण माँ आये नैया पार लगा दे,
तिन करू करू जोड़
माई गुना वाली के भवन मैं बेठी रहू दोनों त्र जोड,
माई संतोषी रानी शरण मैं बेठी रहू दोनों तर जोड़,
गुना में विराजे माई माई संतोषी,
कैसे इसकी महिमा बखानू,
कैसे करू टोरी पूजा भवानी,
विधि विधान ना जानू,जाऊ बहियाँ न छोड़,
माई गुना वाली के भवन मैं बेठी रहू दोनों त्र जोड,
माई संतोषी रानी शरण मैं बेठी रहू दोनों तर जोड़,
सर्व्सुखो की खान भवानी सब कुछ देने वाली
तुम्हरी शरण जो आये संतोषी जाए कभी भी न खाली,
गुण गाऊ तेरा बोल,
माई गुना वाली के भवन मैं बेठी रहू दोनों त्र जोड,
माई संतोषी रानी शरण मैं बेठी रहू दोनों तर जोड़,
शुकर वार दिन प्रिये तुम्हारो मन के तुम्हे भावे,
पूजा करे नर नार तुम्हारी मन चाहा फल वो पावे,
शंकर कहे तोरे बोल
माई गुना वाली के भवन मैं बेठी रहू दोनों त्र जोड,
माई संतोषी रानी शरण मैं बेठी रहू दोनों तर जोड़,