खोले नही किवाड़ देख राहा

मनै गिण कै दे लिए बोल तीन सौ साठ चौबारे आळी,
तनै खोले नहीं किवाड़ देख रहा बाट चौबारे आळी,

तेरे तैं सै काम जरूरी तूं कती गोलती कोन्या
मैं खड़या गाळ में रूक्के मारूं तूं कती बोलती कोन्या
गेट खोलती कोन्या के होगी लाट चौबारे आळी,

जागा मीची सी होरी थी टूटै थी अंगड़ाई,
कौण गाळ में रूक्के मारै फेर देग्या बोल सुणाई,
देहळीयां धोरै आई छोड़कै खाट चौबारे आळी,

तेरे हाथ में तीर निशाना आज इसनै चलवादे,
के तै उसनै आड़ै बुला ना मनै उड़ै मिलवादे,
कोए खास निशानी ल्यादे कर द्यूं ठाठ चौबारे आळी,

मरण जीण की शर्त लागरी ना इस मैं झूठ कती,
उसका पति फौज में जा रह्या घर पै एकली सोमवती,
उसके पति का नाम मेहर सिंह जाट चौबारे आळी,

संदीप स्वामी
अलवर(राज०)

श्रेणी
download bhajan lyrics (1078 downloads)