मन दे तू पीछे न लगी मन नु स्मजौना है तू,
किती ये मन दी कही पिछो पश्ताउना है तू,
प्यार तू दुनिया दे विच पाके आना ते जाना है तू,
बाहरो ओ किते नही मिलदा अन्द्रो ही पाना है तू,
बिना सिमरन काटो वक़्त लंगौना है तू,
मन दे तू पीछे न लगी मन नु स्मजौना है तू,
नो दरवाजे पार करके दस्मे विच जाना है तू,
सदिया तो बिछड़ी रूह नु शब्द नाल मिलाउना है तू,
एहनी गल याद रखी जग ते परोना है तू,
मन दे तू पीछे न लगी मन नु स्मजौना है तू,
जैसा तू बीजे गा सिधु वैसा ही पौना है तू,
सुर तू मिला शमन नाल सतलोक जाना है तू,
छड दे हूँ मन आइय यामा गवाना है तू,
मन दे तू पीछे न लगी मन नु स्मजौना है तू,