सब गोकुल के शाम

बन्दे सब गोकुल के शाम
कृष्ण वही है कंस वही है वही रावण वही राम

हर अंतर में हरी का वासा
जीव फिरे क्यों दर दर प्यासा
मन मंदिर से मुर्ख बन्दे कोई बड़ा नहीं धाम

करम बुरा है कर्मा भला है
इन कर्मो से जीव बंधा है
अपने गुणों से कोई रावण अपने गुणों से राम

कर्म की पूजा नाम की नहीं
नाम की हो तो इस जग माहि
जग में फिरे इ लाखो बन्दे धर के कृष्ण का नाम
download bhajan lyrics (1246 downloads)