तेरी गर्जना से मची खलबली
बतादो हनुमान लंका कैसे जली,
चला मैं निशानी ले श्री राम की
जहा बैठी थी मेरी माँ जानकी
दिखाई जो मुंदरी वो व्याकुल हुए
उनको चिंता हुए मेरी जान की
आसुरो से भारी लंका की गली
बता दो हनुमान कैसे लंका जली....
लगी भूख मुझको बड़ी ज़ोर से
देखी रावण की बगिया बड़े गौर से
फल थे सुंदर बड़े उनको खाने लगा
मुझको आज्ञा मिली मैया की और से
जमू माली को मेरी ये हरकत खाली
बता दो हनुमान कैसे लंका जली
मैं भूखा था सैनिक अकड़ने लगे,
मेरे साथ आकर झगड़ने लगे
लिया पंगा मुझसे लगे मारने
मेरे सोटे असुरो पे पड़ने लगे
सूचना इसकी जब रावण को मिली
बता दो हनुमान कैसे लंका जली
भेजा अक्षय मेरे हाथो मारा गया
जो भी आया था ससंमुख संहारा गया
लड़ने मुझसे वाहा मेघनाथ आ गया
साथ लेकर के वो ब्रह्मपास्स आ गया
बाँध मुझको घुमाया लंका की गली
बता दो हनुमान कैसे लंका जली
मुझको रावण के सांमुख है लाया गया
फ़ैसला मिलके मुझको सुनाया गया
जो तबाही मचाई है इस दूत ने
लगा दो मिलके आग इस की पूंछ में
आ गया जब मेरी पूंछ जली
देखो जी श्रीमान ऐसे लंका जली
बता दो हनुमान कैसे लंका जली
प्रभु की सेवा में जो बँधा पहुचाएगा
फिर मेरे क्रोध से वो ना बच ना पाएगा
बेधड़क जो शरण राम की आएगा
रोमी कृपा सदा राम की पाएगा
जग की माया से प्रभु की है सेवा भली
देखो जी श्रीमान ऐसे लंका जली
बता दो हनुमान कैसे लंका जली