पलके बिछाये खड़े द्वार सँवारे,
तेरे भगतो को है इंतजार सँवारे
पलके बिछाये खड़े द्वार सँवारे,
चुन चुन कलियाँ तेरे लिए मैं भगियां से फूल लाया,
बड़े चाव और बड़े भाव से दिल से तुझे सजाया,
तुम आकर तो देखो इक बार सँवारे,
पलके बिछाये खड़े द्वार सँवारे,
श्याम धनि कुटिया में मेरी इक बार तो आओ,
प्रेम भाव का भोग ये मेरा आकर भोग लगाओ,
मेरी विनती करो स्वीकार सँवारे,
पलके बिछाये खड़े द्वार सँवारे,
तीन बाण के धारी जानू तू हारे का सहारा,
बालक तेरा अनिल मित्तल का है श्याम विसारा,
अपने बालक को देदो तुम प्यार सँवारे,
पलके बिछाये खड़े द्वार सँवारे,