गड्डी जा रही है माँ दे दरबार

गड्डी जा रही है माँ दे दरबार भक्तों,
दरबार भक्तों, दरबार भक्तों,
गड्डी जा रही है माँ दे दरबार भक्तों,
दरबार भक्तों, दरबार भक्तों,
माँ बुला रही है करने उपकार भक्तों,
उपकार भक्तों, उपकार भक्तों,
गड्डी जा रही है माँ दे दरबार भक्तों,
दरबार भक्तों, दरबार भक्तों।

माँ के दर्श को मेरी अंखियाँ थी प्यासी,
आज मिटी है मेरे दिल की उदासी,
शेरावाली ज्योतावाली लाटांवाली मैया,
तरण तारणी है यह जग की खिवैया,
दुनिया पा रही है अंबे माँ का प्यार भक्तों,
माँ का प्यार भक्तों, माँ का प्यार भक्तों,
गड्डी जा रही है माँ दे दरबार भक्तों,
दरबार भक्तों, दरबार भक्तों।

दासों को अपने मैया कभी ना रुलाये,
बड़े भाग्यशाली हैं वो जिन्हे माँ बुलाये,
हो पहाड़ों पर जगदम्बे का मंदिर है प्यारा,
जगेश्वर लगाए माँ के नाम का जयकारा,
संगत आ रही है लेके परिवार भक्तों,
परिवार भक्तों, परिवार भक्तों,
गड्डी जा रही है माँ दे दरबार भक्तों,
दरबार भक्तों, दरबार भक्तों।
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