हे शिवाय हे गोरी नंदन शुभ फल दाता कष्ट निकंदन,
जग करता है तेरा वंदन शत शत तुम्हे परनाम,
हे मणिमहेशा हे परथमेशा आप दयालु सब पे हमेशा,
आधी देव के मस्तक चन्दन तुम ही तो हो असुर निकंदन,
शत शत तुम्हे परनाम,
मुश्क वाहन जगत के पेहरी चिंतन पावन मति अति गेहरी,
तू सुख करता तू दुःख वरदन मेरा जीवन तुझको अर्पण,
शत शत तुम्हे परनाम