साईं मूरत से कह दो वो बातें करे,
मेरी बातें सुने अपनी बातें कहे ।
मेरे आंसू पे नज़रे करम हो जरा,
कदम में आपके मैं हुँ कबसे पड़ा ।
जो हैं आँखों के आंसू उन्हें पोछ दे,
मेरी बातें सुने अपनी बातें कहे ॥
हुँ गुनहगार मैं, मैने माना मगर,
तुम खताबक्श हो, तुम ही हो रहबर ।
मैं शरण आ गया हुँ सहारा तो दे,
मेरी बातें सुने अपनी बातें कहे ॥
अपने वचनो को बाबाजी पूरा करो,
नंदी की झोली में साईं आशीष भरो ।
मैं हूँ तनहा ओ बाबा इशारा तो दे
मेरी बातें सुने अपनी बातें कहे ॥