मेरे साईं की है सरकार आज कल शिर्डी में,
लगता है रोज दरबार आज कर शिर्डी में,
मेरे साईं की है सरकार आज कल शिर्डी में,
साईं ने पकड़ी सब की बहियाँ सब को रेहम की दे दी छैयां
अब न डोले किसी की बईयाँ हर नईया के साईं खिवाइया,
हो सब का बेडा पार आज कल शिर्डी में,
मेरे साईं की है सरकार आज कल शिर्डी में,
साईं की बरसी रहमत एसी होगी शिर्डी जनत जैसी,
जिसकी होती नियत जैसी साईं से मिलती नियत वैसी
सजदे करता संसार आज कल शिर्डी में,
मेरे साईं की है सरकार आज कल शिर्डी में,
झूम रहे है साईं दीवाने गूंज रहे है साईं तराने,
साईं शमा है सब पर दीवाने सब आये है दर्शन पाने,
है जग का पालनहार आज कल शिरडी में,
मेरे साईं की है सरकार आज कल शिर्डी में,