मैंने कृष्ण को जब भी पुकारा मेरा श्याम बना है सहारा
जपत निरंतन श्याम नाम मैंने जीवन अपना हारा
बोलो राधे कृष्ण मुरारी बोलो गोविन्द गिरधारी
मैंने कृष्ण को जब भी पुकारा मेरा श्याम बना है सहारा
द्रोपती का जब चीर हरन हुआ उसने तुझको पुकारा
रखा मान अपनी भगती का लाज बचाने आया
तू लाज बचाने आया कोरवो के सिर को झुकाया द्रोपती का चीर बडाया,
जब जब भगतो पे संकट आया उनको पार लगाया
बोलो राधे कृष्ण मुरारी बोलो गोविन्द गिरधारी
धर्म का जब भी विनाश हुआ लेकर अवतार तू आया है
धर्म की र्स्क्षा की तूने धर्म का मान बडाया है
तूने पापी कंस को मारा कष्टों से ब्रिज को उभारा
जो भी तेरी शरण में आया उसको भी अपनाया
बोलो राधे कृष्ण मुरारी बोलो गोविन्द गिरधारी
सारथि बन कर अर्जुन को तूने गीता सार सुनाया
धर्म अधर्म का अंतर तूने अर्जुन को बतलाया
कर्तव्य मार्ग दिखलाया
तूने अपना रूप दिखाया दर्शन विराट करवाया
शीश जुका चरणों में फिर अर्जुन ने धर्म निभाया
बोलो राधे कृष्ण मुरारी बोलो गोविन्द गिरधारी