मेरे श्याम चले आना घनश्याम चले आना,
अब तक तो निभाया है तूने आगे भी निभा जाना,
मेरे श्याम चले आना घनश्याम चले आना,
इस जनम का करजा सात जनम उतरे गा श्याम ना उतरा है,
संकट की घडी में तू हर पल झट मोरछड़ी लहराए,
इस मोरछड़ी के झाड़े से मेरे कष्ट मिटा जाना,
मेरे श्याम चले आना घनश्याम चले आना,
मैं किस्मत पे क्यों न इतराओ जो तुझसे है दातार मिला,
तूने कितने एहसान किये मुझे सेवा का उपहार मिला,
मुझे प्रेम की डोर से बांध लिया,
मेरी प्रीत न बिसराना,
मेरे श्याम चले आना घनश्याम चले आना,
हर जन्म तेरा ही दर पाउ तुझमे ही श्याम मैं रम जाउ,
तेरा साथ ना छूटे जीवन में हर पल ही श्याम तुझे ध्याऊ,
एहंकार न आये मन में प्रभु किरपा बरसा देना,
मेरे श्याम चले आना घनश्याम चले आना,