श्याम आये नही में बुलाता रहा

श्याम आए नहीं, मैं बुलाता रहा
नाम लेकर आवाजें ,लगाता रहा
शीश चरणों में उनके, झुकाता रहा
श्याम निर्मोही नजरें, चुराता रहा

मैंने सोचा यही, प्यार सबसे करूं ईर्ष्या नफरतों से, हमेशा डरु
भूल  अपनों ने की ,मैं भुलाता रहा


मीरा जब  जब कहे, दौड़ के आ गए
श्याम बैकुंठ को ,छोड़ के  आ गए
ठोकर जिसको लगी ,तू उठाता रहा
श्याम आए नहीं, मैं बुलाता रहा


मेरी गलती है क्या ,तू बता दे जरा
मुझको सूरत सलोनी, दिखा दे जरा
भक्ति रस तू जहां को, पिलाता रहा
श्याम आए नहीं ,,,,,

download bhajan lyrics (758 downloads)