साई मेरे साई तू सब का खुदा है

साई मेरे साई तेरा रेहम जुदा है,
साई मेरे साई तेरा कर्म जुदा है,
साई मेरे साई तू सब का खुदा है॥
साई मेरे मौला रब्बा मेरे मालिक..........

जब भी जो गम में मैं गिरी हु,
आके तेरे दर पे मैं गिरी हु,
बादशाओ का बादशाह तू है,
आफतो से तूने किया रिहा है,
जिनका ना उनका कोई तू ही पिता है।
साई मेरे मौला रब्बा मेरे मालिक..........

गुनाह करना है फितरत मेरी,
बक्शना है आदत तेरी,
बुला नहीं तू भूल गई हु मैं,
बंदगी और इबातत तेरी,
जहाँ मिलती माफ़ी सब को तेरा दरबार है।
साई मेरे मौला रब्बा मेरे मालिक..........

छोड़ के दर तेरा जाऊ किधर मैं,
गम ही गम है जाऊ जिधर मैं,
मेरे साई तू इतना कर्म कर,
करू गुलामी तेरी उम्र भर,
तू तो सभी पे किरपा करता सदा है।
साई मेरे मौला रब्बा मेरे मालिक..........

साई मेरे साई तेरा रेहम जुदा है,
साई मेरे साई तेरा कर्म जुदा है,
साई मेरे साई तू सब का खुदा है॥
साई मेरे मौला रब्बा मेरे मालिक..........
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