याद तेरी जब आती है दिल को बहुत तडपाती है
बेचैनी बड जाती है,
हम तडपे इधर तुम तडपो उधर ये कैसी उल्जन सारी,
हम पे अगर तेरी जो रहमत होगी
तुम से मिलने की प्रभु पूरी ये हसरत होगी
जाने वो कौन सी ग्यारस होगी
तुम से मिलने की प्रभु पूरी ये हसरथ होगी
आँखों में आष्क लव पे नाम तेरा
दिल में बस तेरे दर्श की प्रभु चाहत होगी
हर ग्यारस हम आते थे दर्शन तेरा पाते थे
भजनों में रम जाते थे
अब तुम से मिले बिन गुजरे ये दिन हम कैसे ये सह पाए
जिन्दगी कब खुश किस्मत होगी
तुम से मिलने की प्रभु पूरी ये हसरथ होगी
किरपा का रस बरसेगा खुशियों का सूरज निकलेगा
खाटू फिर से चेह्केगा हो गए सब मिल्न बरसे गे नैन
देखेगी दुनिया सारी अब जो अगर तेरी इज्जत होगी
तुम से मिलने की प्रभु पूरी ये हसरथ होगी