पैरो में घुंगरू बांधे बजरंगी छम छम नाचे हो के मंगन
राम का है दीवाना ये बजरंग बाला
जमके खड़ताल भ्जाये अपने स्वामी को रिजाये मत वाला
है अंजनी का लाला ये अंजनी का लाला
राम की सेवा में रहता बाला जी आठो पेहर,
मैया के चरणों में रहती हर घड़ी इनकी नजर
भगत सरोमनी इन से बड कर दूसरा कोई नही
राम सिया का धुन में रह कर हो गया बाला अमर
बाला सालासर वाला बाला मेहंदीपुर वाला
पीता है राम रस का ये अमृत प्याला
भगती में शक्ति है कितनी बाला ने दिख ला दिया
बाला पंन में ही बली ने सूर्ये को चोका दियां
सारे जग को पालते जो उनका ये भाई बना
सेवा से प्रभु बस में होते दुनिया को समजा दियां
अपने सोटे को घुमाए संकट को दूर भगाए
भगतो की पद राखे ये पूंछ वाला
बाला के सत युग से अब तक ज्योत जलती आ रही
है अनोखी सी छवि से भगतो के मन भा रही
चोखानी इन के चरणों की जो भी सेवा कर लिया
अपने घर आंगन में देखो खुशियाँ हर पल छा रही
इने रीजे रघुराई संतो ने महिमा गाई,
देवी में वीर बजरंगी है देव निराला