सिंदूरी हनुमान मेरे सिंदूरी हनुमान

जो सब के नाम बनाते हिया जो संकट सभी मिटाते है
और पवन के जैसी चाल है जिनकी जो अंजनी पुत्र कहलाते है,
भाभुक हो कर गले लगाए हिरदये स्वयम श्री राम
सिंदूरी हनुमान मेरे सिंदूरी हनुमान

मंगल वार को शनिवार को जो सिन्धुर चडाते है
पूजा करके बजरंग को मिष्ठान का भोग लगाते है,
केहने से पेहले ही पुरे होते सब काम
सिंदूरी हनुमान मेरे सिंदूरी हनुमान

मेरे बजरंग के आगे दुनिया का हर रंग फीका है
हनुमान जी को खुश करने का सरल तरीका है
इनको खुश करना हो तो बस बोलो जय श्री राम,
सिंदूरी हनुमान मेरे सिंदूरी हनुमान

हनुमान जी की तरफ जो भी दो कदम बडाते है,
उन सब भगतो के लिए हनुमान सो कदम बडाते है
करते है मालामाल उसे जो सेवा करे निष् काम
सिंदूरी हनुमान मेरे सिंदूरी हनुमान
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