मैं दीवाना हो गया बाबा बासुकी तेरे द्ववार का,
मैं तो करू सदा शिव चर्चा तेरे प्यार की हॉवे वर्षा,
मैं दीवाना हो गया बाबा बासुकी तेरे द्ववार का,
घूम की देखि सारी दुनिया कोई काम न आया
शिव का नाम लिया तो तूने सीने से चिपकाया
मैं तो जानू बस बाबा हमारा,
इस सेवक का प्राण आधार,
मस्ताना हो गया,
ये छोरा गंगा पाल का
मैं दीवाना हो गया बाबा बासुकी तेरे द्ववार का,
जो तुझको न जान सका वो बन्दा कितना पापी
जो तुझको पहचाना तो वो राजा बना परतापी,
मैं तो वही यही उगना वेजू साईं तेरा सत्य मैं समजू
आना जाना हो गया,
हिरदये में तेरे प्यार का
मैं दीवाना हो गया बाबा बासुकी तेरे द्ववार का,
शिवरात्री व्रत प्राण छुटे अंतिम है अभिलाषा,
ताकि मा जन्म रहे न शिव शक्ति बिन प्यासा,
बैठे बैठे ध्यान लगाऊ
मुक्ती पत शिव धाम को जाऊ,
इक जमाना हो गया
परछाई छुए हार का,
मैं दीवाना हो गया बाबा बासुकी तेरे द्ववार का,