आज संवारे से होनी मुलाक़ात है कीर्तन की आई रात है,
नीले पे हो सवार दर्शन देगा लखदातार
भगतो से करता है प्यार
आज करुना की होगी बरसात है
कीर्तन की आई रात है,
सब देवो में देव है ग्रेट इन से बड़ा न कोई सेठ
पल में दे कंगाली मेट भागो वाला वो जिनके ये साथ है,
कीर्तन की आई रात है,
नाम बड़ा है ये अनमोल मत हो प्यारे डमा डोल
दे किस्मत के ताले खोल
मेरे संवारे में एसी करा मात है
कीर्तन की आई रात है,
भीम सेन क्या करे विचार तू भी कर ले श्याम से प्यार संग चले तेरे राम अवतार
मेरे बाबा की वाह वाह क्या बात है
कीर्तन की आई रात है,