सिद्ध जोगी पौनाहारियां तेरी की मैं सिफत सुनावा,
सिद्ध जोगी दुधा धारिया तेरी की मैं सिफत सुनावा,
तेरी की मैं सिफत सुनावा,तेरी की मैं महिमा गावा
सिद्ध जोगी पौनाहारियां तेरी की मैं सिफत सुनावा,
तू गल विच सिंगी हथविच चिमटा मुंडे झोली पाई है
तू हेठ बोड दे लाके धुना मन विच अलख लगाई है
इस कलयुग दे अव्तारियां तेरी की मैं सिफत सुनावा
सिद्ध जोगी पौनाहारियां तेरी की मैं सिफत सुनावा,
तू निकी उम्र बन के जोगी शिवा दा नाम ध्याया है
फिर माँ रतनो दा बन के पाली गाऊ नु भी चराया है
शिव शंकर दे पुजारियां तेरी की मैं सिफत सुनावा
सिद्ध जोगी पौनाहारियां तेरी की मैं सिफत सुनावा,
तेरी मोर सवारी पौनाहारी लगदी बड़ी प्यारी है
तेरी सोहनी जतावा पैरी खडावा लगदी बड़ी न्यारी है
भगता नु तारण हारियाँ तेरी की मैं सिफत सुनावा
सिद्ध जोगी पौनाहारियां तेरी की मैं सिफत सुनावा,
तेरी महिमा सुन के जोगी अमरीक भी दर तेरे आ गया,
तेरी सोहनी गुफा ते आके बाबा चरनी शीश जुका लिया
राना लिखे गुण कलाधारियां
तेरी की मैं सिफत सुनावा
सिद्ध जोगी पौनाहारियां तेरी की मैं सिफत सुनावा,