माँ को हम से प्यार कितना
ये हम नही जानते मगर जी नही सकते माँ के बिना
नो माह में कोख में अपनी सुलाती है माँ
बुरी हर नजर से हम को बचाती है माँ
क्या कुछ नही करती माँ बच्चो के लिए
माँ को है ख्याल कितना ये हम नही जानते
मगर जी नही सकते माँ के बिना
अपनी माँ के दिल को दुखाते है लोग
दर दर की ठोकरे खाते है लोग
तडपते है सारी उमर वो माँ के बिना
मैं के एहसान कितने ये हम नही जानते
मगर जी नही सकते माँ के बिना
दास मेहर की माँ से पेहचान है
मेरे लिए माँ मेरी भगवान है
चूका न सकुगा कर्ज अपनी माँ का
माँ को है दुलार कितना ये हम नही जानते
मगर जी नही सकते माँ के बिना