जब जब बहार आई और फूल मुस्कुराए
मुझे तुम याद आए
जब जब भी चाँद निकला और तारें जगमगाए
मुझे तुम याद आए
अपना कोई तराना मैंने नहीं बनाया
तुमने मेरे लबों पे हर एक सुर सजाया
जब जब मेरे तराने दुनिया ने गुनगुनाए
मुझे तुम याद आए.........
एक प्यार और वफ़ा की तस्वीर मानता हूँ
तस्वीर क्या तुम्हें मैं तक़दीर मानता हूँ
देखी नज़र ने खुशियाँ या देखे ग़म के साये
मुझे तुम याद आए ...........
मुकिन है जिंदगानी कर जाए बेवफाई,
रे ऋण ये प्यार वो है जिस में नहीं जुदाई,
इस प्यार के फ़साने जब जब जुबा पे आये,
मुझे तुम याद आए ...........