कान खोल के बात मेरि सुन ले ओ पीया , मेरि सुन ले ओ पीया
मैं तो वृन्दावन जाउंगी, वृन्दावन जाउंगी, मैं वृन्दावन जाउंगी,
अडोसन भी जाए, पड़ोसन भी जाए
मैं कैसे रह जाऊं ओ पिया
मैं तो वृन्दावन जाउंगी
ललिता भी जाए वैशाखा भी जाए
मैं कैसे रह जाऊं ओ पिया
मैं तो वृन्दावन जाउंगी,
वृन्दावन जाउंगी, मैं वृन्दावन जाउंगी,
मैं तो उन संग होली खेलूंगी, मैं तो उन संग
ना चाहिए मेनू माथे दा टिक्का
चन्दन दा टिक्का मैं ला लुंगी
होली खेलूंगी, मैं तो उन संग होली खेलूंगी, मैं तो उन संग
ना चाहिए मेनू गले दा पेंडल
तुलसा दी माला मैं पा लुंगी
होली खेलूंगी, मैं तो उन संग होली खेलूंगी, मैं तो उन संग
ना चाहिए मेनू रेशम दी साड़ी
भगवा चोला मैं पा लुंगी
होली खेलूंगी, मैं तो उन संग होली खेलूंगी, मैं तो उन संग
ना चाहिए मेनू सोने दे कंगन
हाथो में वीणा मैं ले लुंगी
होली खेलूंगी, मैं तो उन संग होली खेलूंगी, मैं तो उन संग
ना चाहिए मेनू लड्डू पेड़े
रुखी सुखी खा के मैं रह लुंगी
होली खेलूंगी, मैं तो उन संग होली खेलूंगी, मैं तो उन संग
ना चाहिए मेनू महल चुबारे
जंगल च कुटिया मैं पा लुंगी
होली खेलूंगी, मैं तो उन संग होली खेलूंगी, मैं तो उन संग