भोले मेरी नईया को, भव पार लगा देना ll
मैं आपके हाथों में ll, मेरी विगड़ी बना देना,,,
भोले मेरी नईया को,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
तुम शँख बजा कर के, दुनियाँ को जगाते हो l
डमरू की मधुर धुन से, सदमार्ग दिखाते हो ll
मैं मूर्ख सब मेरे ll, अवगुण को भुला देना,,,
भोले मेरी नईया को,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
हर ओर अँधेरा है, तूफानों ने घेरा है l
कोई राह नहीं दिखती, बस तुझपे भरोसा है ll
एक आस लगी तुमसे ll, मेरी लाज बचा देना,,,
भोले मेरी नईया को,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
हे जगदम्बा के स्वामी, देवादि देव नमामि l
सबके मन की तुम जानो, शिव शंकर अंतर्यामी ll
दुःख आप मेरे मन का ll, महादेव मिटा देना,,,
भोले मेरी नईया को,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
महादेव जटा में तुमने, गंगा को छुपाया है l
माथे पे चन्द्र सजाया, विषधर लिपटाया है ll
मुझे नाथ गले अपने ll, महाँकाल लगा लेना,,,
भोले मेरी नईया को,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
अपलोडर- अनिलरामूर्तिभोपाल