वही मिजाज वही चाल है

एक हमें आवारा कहना
कोई बड़ा इल्ज़ाम नहीं
दुनिया वाले दिल वालों को
और बहुत कुछ कहते हैं

वोही मिज़ाज वोही चाल है ज़माने की
हमें भी हो गई आदत फ़रेब खाने की
वही मिजाज गोरी चाल है ......

मैं सारे शहर में तन्हा नहीं हुआ रुस्वा
सज़ा मिली है तुम्हें भी तो दिल लगाने की
वही मिजाज वहीं चाल......

शराब मिलती है लेकिन हमारी प्यास से कम
अजीब रस्म है साक़ी यहाँ पिलाने की
वही मिजाज वही चाल है........

नज़र बचा के तुम्हें देखता हूँ महफ़िल में
नज़र लगे न कहीं तुमको इस दिवाने की
वही मिजाज गोरी चाल है......

                  सिंगर - भरत कुमार दबथरा

श्रेणी
download bhajan lyrics (830 downloads)