उमर सारी बीत गई माला ना फेरी…..
भोर भऐ चिड़िया चहकाई,
मैं सबसे पहले जाग गई माला ना फेरी…….
नहाय धोय पूजा पर बैठी,
यह निदिया बैरन आ गई माला ना फेरी…….
पूजा करके मैने रसोई बनाई,
मैं सबसे पहले खा आई माला ना फेरी…….
भरी दुपहरी में घुमन को निकली,
मैं तेरी मेरी कलाई मौला ना फेरी….
सांझ भई मैंने खटिया बिछाई,
मैं सबसे पहले सो गई माला न फेरी..
यम के दूत जब लेने को आए,
मैं आगे आगे चल दी माला ना फेरी…..
एक बारी मौका देना हरि जी,
मैं माला तेरी फेर आई तेरे दर गई,
मै दान पुन्य कर आई तेरे दर आई……